Vayam Raksham: pauranika prshthabhumi par adharit upanyas
Material type:
- 9788195006137
- 821.214 CHA
Item type | Current library | Collection | Call number | Materials specified | Status | Notes | Date due | Barcode | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
BMU Library | Fiction | 821.214 CHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | GC | 15841 |
‘वैशाली की नगरवधू’ लिखकर मैंने हिन्दी उपन्यासों के सम्बन्ध में एक नया मोड़ उपस्थित किया था कि अब हमारे उपन्यास केवल मनोरंजन तथा चरित्र-चित्रण मर की सामग्री नहीं रह जाएंगे। अब यह मेरा नया उपन्यास 'वयं रक्षामः' इस दिशा में अगला कदम है। इस उपन्यास में प्राग्वेदकालीन नर, नाग, देव, दैत्य-दानव, आर्य, अनार्य आदि विविध नृवंशों के जीवन के वे विस्मृत-पुरातन रेखाचित्र हैं, जिन्हें धर्म के रंगीन शीशे में देखकर सारे संसार ने अन्तरिक्ष का देवता मान लिया ।। मैं इस उपन्यास में उन्हें नर-रूप में आपके समक्ष उपस्थित करने का साहस कर रहा हूँ। आज तक कभी मनुष्य की वाणी से न सुनी गई बातें, मैं आपको सुनाने पर आमदा हूँ। इस उपन्यास में मेरे जीवन-मर का सार है.
There are no comments on this title.